*उम्र भर के लिए फ्रन्चैजिंग
*फ्रन्चैजिंग की शुरूआती अवस्था
फ्रन्चैजिंग की शुरुआत होती है ,इंग्लैंड के राजा जोन के ज़माने से, जिन्होंने अपने अधिकारियो को टैक्स वसूलने के लिए फ्रन्चैजिंग दी । एक तत्त्व रूप में इंग्लैंड में मध्य काल में सामने आई ,जब राजा के सहयोग से चर्च के अधिकारी कमाने वाले नागरिको से टैक्स वसूलते थे। उन दिनों में फ्रन्चैजिंग जानी जाती थी "राजा के एक विशेष अधिकार के रूप में"। हलाकि ऐसी फ्रन्चैजिंग को मानना उचित नहीं है । इसके बूम के समय ऐसी व्यवस्था केवल इंग्लैंड तक सिमित थी . चीन में यह व्यवस्था होटल्स में चुकाए जाने वाले 'टेबल किराए ' के समझोते के रूप में प्रचलित थी . जापान में भी यह प्रणाली लोकप्रिय थी , वहा के पूर्व कर्मचारी रोयल्टी के बदले शाखाओ का सञ्चालन कर सकते थे . फ्रन्चैजिंग से जो आज हम समाज पाते है वह तरीका १८०० वी शताब्दी के दोरान इंग्लैंड में शुरू हुआ . बंद घरो के अन्दर शराब निर्माताओ के दुवारा . फ्रन्चैजिंग में यह पहला समझोता था जो लिखित में हो सका . उन दिनों में शराब का बड़े पैमाने पर दुरूपयोग होता था, इसी दुरूपयोग को लाइसेंस से रोकने की कोशिश की गई. इसीलिए इसका लाइसेंस केवल शराब निर्माताओ के घरो और बार्स को ही मिलता था . अधिक मात्रा में लाइसेंस फ़ीस होने के कारण लोगो के लिए यह व्यवसाय मुश्किल हो चला था . ऐसे समय में शराब निर्माताओ ने आगे आकर लोगो को धन उपलब्ध करवाकर उनसे केवल अपने उत्पाद है बचने को कहा . शराब निर्माताओ उन्हें गरान्तेद वितरण प्रणाली दी . जिसमे केवल उत्पादको की शराब और बार्स को प्रमोट करने की बाध्यता थी . यह तथ्य उत्पादको और वितरको दोनों के लिए ही मुनाफे की बात थी . हलाकि पुराने इंग्लैंड फ्रन्चैजिंग कारोबार में लीड हासिल कर ली थी . लकिन यदि फ्रन्चैजिंग का किसी को ताज मिलेगा तो वह है सयुक्त राज्य अमेरिका , फ्रन्चैजिंग का जनक (पिता ).
फ्रन्चैजिंग का जनक (पिता ).
१८५१ में एक नयी अमेरिकी कंपनी ने पाया की बिक्री सतोरेस और ग्राहक दूर -दूर होने के कारण बिक्री के बाद भी सेवा देना कठिन है .कंपनी में तय किया की वह अपने बिक्री बल और साधनों का अधिकतम उपयोग किये बिना वह फ्रन्चैजिं बाजार में उतरेगी . कंपनी ने व्यक्तिगत रूप से उत्पाद बिक्री के विशेष अधिकार लोगो को देना शरू कर दिया . इसके लिए कंपनी ने लोगो अलग अलग तरीको से आकर्षित किया . इस तरह यह एक वितरक और निवेशक के बीच हुआ पहला क़ानूनी करार था . कंपनी फ्रन्चैजिंग का नेटवर्क स्थापित करने में कामयाब हो गई . कोई भी ६५ $ बिक्री शेत्र के लिए देकर उत्पादों की पुन बिक्री का अधिकार प्राप्त कर सकता था . वह कंपनी थी ' सिंगर ' और वह उत्पाद था 'सिलाई मशीन '. उन विशेष बिक्री शेत्रो में फ्रन्चैजिं सिस्टम उन्हें आज्ञा देता था , बिक्री का विशेषअधिकार , मशीन की सर्विसिंग की . यह तरीका सफलता पूर्वक काम करने लगा . कंपनी ने २० शताब्दी की शुरुआत में फ्रन्चैजिंग के बड़े बाजार में प्रवेश किया . एस .एस ऍम .(सिंगर सिलाई मशीन ) के प्रमुख 'इसाक सिंगर' को वर्तमान फ्रन्चैजिंग सिस्टम को बनाने और मोर्डेन समझोते की नीव रखने हेतु याद किया जाता है . बाद में यही व्यवस्था व्यवसाय नीति में परिवर्तित ही गया , जो आज की वितीय परिद्रश्य में दिखाई देता है. बाद में चलकर कई लोगो ने इसी सिस्टम को अपनाया / फोलो किया
फ्रन्चैजिंग की शुरुआत होती है ,इंग्लैंड के राजा जोन के ज़माने से, जिन्होंने अपने अधिकारियो को टैक्स वसूलने के लिए फ्रन्चैजिंग दी । एक तत्त्व रूप में इंग्लैंड में मध्य काल में सामने आई ,जब राजा के सहयोग से चर्च के अधिकारी कमाने वाले नागरिको से टैक्स वसूलते थे। उन दिनों में फ्रन्चैजिंग जानी जाती थी "राजा के एक विशेष अधिकार के रूप में"। हलाकि ऐसी फ्रन्चैजिंग को मानना उचित नहीं है । इसके बूम के समय ऐसी व्यवस्था केवल इंग्लैंड तक सिमित थी . चीन में यह व्यवस्था होटल्स में चुकाए जाने वाले 'टेबल किराए ' के समझोते के रूप में प्रचलित थी . जापान में भी यह प्रणाली लोकप्रिय थी , वहा के पूर्व कर्मचारी रोयल्टी के बदले शाखाओ का सञ्चालन कर सकते थे . फ्रन्चैजिंग से जो आज हम समाज पाते है वह तरीका १८०० वी शताब्दी के दोरान इंग्लैंड में शुरू हुआ . बंद घरो के अन्दर शराब निर्माताओ के दुवारा . फ्रन्चैजिंग में यह पहला समझोता था जो लिखित में हो सका . उन दिनों में शराब का बड़े पैमाने पर दुरूपयोग होता था, इसी दुरूपयोग को लाइसेंस से रोकने की कोशिश की गई. इसीलिए इसका लाइसेंस केवल शराब निर्माताओ के घरो और बार्स को ही मिलता था . अधिक मात्रा में लाइसेंस फ़ीस होने के कारण लोगो के लिए यह व्यवसाय मुश्किल हो चला था . ऐसे समय में शराब निर्माताओ ने आगे आकर लोगो को धन उपलब्ध करवाकर उनसे केवल अपने उत्पाद है बचने को कहा . शराब निर्माताओ उन्हें गरान्तेद वितरण प्रणाली दी . जिसमे केवल उत्पादको की शराब और बार्स को प्रमोट करने की बाध्यता थी . यह तथ्य उत्पादको और वितरको दोनों के लिए ही मुनाफे की बात थी . हलाकि पुराने इंग्लैंड फ्रन्चैजिंग कारोबार में लीड हासिल कर ली थी . लकिन यदि फ्रन्चैजिंग का किसी को ताज मिलेगा तो वह है सयुक्त राज्य अमेरिका , फ्रन्चैजिंग का जनक (पिता ).
फ्रन्चैजिंग का जनक (पिता ).
१८५१ में एक नयी अमेरिकी कंपनी ने पाया की बिक्री सतोरेस और ग्राहक दूर -दूर होने के कारण बिक्री के बाद भी सेवा देना कठिन है .कंपनी में तय किया की वह अपने बिक्री बल और साधनों का अधिकतम उपयोग किये बिना वह फ्रन्चैजिं बाजार में उतरेगी . कंपनी ने व्यक्तिगत रूप से उत्पाद बिक्री के विशेष अधिकार लोगो को देना शरू कर दिया . इसके लिए कंपनी ने लोगो अलग अलग तरीको से आकर्षित किया . इस तरह यह एक वितरक और निवेशक के बीच हुआ पहला क़ानूनी करार था . कंपनी फ्रन्चैजिंग का नेटवर्क स्थापित करने में कामयाब हो गई . कोई भी ६५ $ बिक्री शेत्र के लिए देकर उत्पादों की पुन बिक्री का अधिकार प्राप्त कर सकता था . वह कंपनी थी ' सिंगर ' और वह उत्पाद था 'सिलाई मशीन '. उन विशेष बिक्री शेत्रो में फ्रन्चैजिं सिस्टम उन्हें आज्ञा देता था , बिक्री का विशेषअधिकार , मशीन की सर्विसिंग की . यह तरीका सफलता पूर्वक काम करने लगा . कंपनी ने २० शताब्दी की शुरुआत में फ्रन्चैजिंग के बड़े बाजार में प्रवेश किया . एस .एस ऍम .(सिंगर सिलाई मशीन ) के प्रमुख 'इसाक सिंगर' को वर्तमान फ्रन्चैजिंग सिस्टम को बनाने और मोर्डेन समझोते की नीव रखने हेतु याद किया जाता है . बाद में यही व्यवस्था व्यवसाय नीति में परिवर्तित ही गया , जो आज की वितीय परिद्रश्य में दिखाई देता है. बाद में चलकर कई लोगो ने इसी सिस्टम को अपनाया / फोलो किया